Smart Meter: 20 Myths and the Real Truth Behind Them

Smart Meter: 20 Myths vs. The Reality | स्मार्ट मीटर: 20 मिथ और सच्चाई

🔌 स्मार्ट मीटर: 20 मिथ और उनके पीछे की असली सच्चाई

⚡ मिथ 1: स्मार्ट मीटर से बिजली का बिल हमेशा ज्यादा आता है

स्मार्ट मीटर का काम केवल आपकी बिजली खपत को सही-सही रिकॉर्ड करना है। यह बिल में कोई अतिरिक्त यूनिट नहीं जोड़ता। पहले पुराने मीटर में गलत रीडिंग या हेरफेर की संभावना रहती थी, लेकिन स्मार्ट मीटर के बाद आपका बिल आपकी असली खपत के हिसाब से ही बनेगा।

⚡ मिथ 2: स्मार्ट मीटर गलत रीडिंग देता है

स्मार्ट मीटर डिजिटल तकनीक से चलते हैं और इनकी रीडिंग कंप्यूटर सिस्टम पर सीधे रिकॉर्ड होती है। इसमें मैनुअल एंट्री की जरूरत नहीं होती, इसलिए गलती की संभावना बहुत कम हो जाती है।

⚡ मिथ 3: स्मार्ट मीटर से रेडिएशन सेहत खराब करता है

स्मार्ट मीटर से निकलने वाला रेडियो वेव (RF) मोबाइल फोन और वाई-फाई से भी कम होता है। यह WHO और इंटरनेशनल सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के अनुसार सुरक्षित है। अब तक किसी रिसर्च में स्मार्ट मीटर से स्वास्थ्य को खतरा साबित नहीं हुआ है।

⚡ मिथ 4: स्मार्ट मीटर से घर में बार-बार बिजली कटती है

बिजली कटने का कारण सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, मीटर नहीं। स्मार्ट मीटर केवल खपत रिकॉर्ड करता है, यह बिजली सप्लाई को नियंत्रित नहीं करता।

⚡ मिथ 5: स्मार्ट मीटर से हैकिंग का खतरा है

स्मार्ट मीटर में डेटा एन्क्रिप्शन तकनीक होती है। यानी आपका खपत डेटा सुरक्षित तरीके से भेजा और स्टोर किया जाता है। किसी भी व्यक्ति को आपके पर्सनल डिटेल्स तक पहुँच नहीं मिलती।

⚡ मिथ 6: स्मार्ट मीटर से कंपनियाँ जब चाहे बिजली बंद कर देंगी

बिजली तभी बंद होगी जब आप बिल का भुगतान नहीं करेंगे या लाइन में तकनीकी खराबी होगी। स्मार्ट मीटर का काम केवल डेटा देना है, कंपनी नियम और बिलिंग के आधार पर ही एक्शन लेती है।

⚠️ यदि आपकी विधुत सप्लाई बकाये पर कट गयी है तो विधुत बिल को जमा करके smart reconnection form का प्रयोग करके अपने खाते से सम्बंधित जानकारी भरकर और जमा की रसीद अपलोड कर दें। कुछ समय में आपकी सप्लाई चालू हो जायेगी।

⚡ मिथ 7: स्मार्ट मीटर लगते ही खपत बढ़ जाती है

खपत वही रहती है, लेकिन स्मार्ट मीटर पहले की तुलना में ज्यादा सटीक होता है। इसलिए पहले जो यूनिट दर्ज नहीं हो पाती थी, अब वो भी सही तरीके से दिखती है।

⚡ मिथ 8: स्मार्ट मीटर गरीब उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचाते हैं

गरीब उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी और योजना पहले जैसी ही लागू रहती है। स्मार्ट मीटर का इन योजनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।

⚡ मिथ 9: स्मार्ट मीटर केवल बिजली कंपनी के फायदे के लिए लगाए जाते हैं

स्मार्ट मीटर से कंपनी को पारदर्शिता तो मिलती है, लेकिन उपभोक्ता को भी फायदा होता है। आपको सही बिल, चोरी रोकने से स्थिर सप्लाई और खपत का नियंत्रण मिलता है।

⚡ मिथ 10: स्मार्ट मीटर के लिए हमेशा इंटरनेट चाहिए

स्मार्ट मीटर GSM/GPRS नेटवर्क पर चलते हैं। आपको घर में वाई-फाई या इंटरनेट देने की जरूरत नहीं होती। यह अपने नेटवर्क से डेटा भेजता है।

⚡ मिथ 11: स्मार्ट मीटर में छेड़छाड़ करना आसान है

पुराने मीटर में छेड़छाड़ आसान थी, लेकिन स्मार्ट मीटर टैम्पर प्रूफ होते हैं। अगर कोई छेड़छाड़ करता है तो तुरंत रिकॉर्ड हो जाता है और कंपनी को अलर्ट मिल जाता है।

⚡ मिथ 12: स्मार्ट मीटर से ज्यादा सर्विस चार्ज देना पड़ता है

स्मार्ट मीटर उपभोक्ता से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेता। आपको केवल सामान्य बिजली बिल भरना होता है।

⚡ मिथ 13: स्मार्ट मीटर से हर वक्त पैसे कटते रहते हैं

स्मार्ट मीटर केवल खपत रिकॉर्ड करता है। बिलिंग का समय और पैसा काटने का काम कंपनी की बिलिंग प्रणाली से होता है, मीटर से नहीं।

⚡ मिथ 14: स्मार्ट मीटर लगवाना जरूरी नहीं है

सरकार ने बिजली सुधार कार्यक्रम में स्मार्ट मीटर को अनिवार्य कर दिया है। धीरे-धीरे सभी पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

⚡ मिथ 15: स्मार्ट मीटर खराब होने पर उपभोक्ता को नुकसान होता है

अगर स्मार्ट मीटर में खराबी आ जाए तो बिजली विभाग इसे मुफ्त में बदल देता है। आपको नुकसान नहीं होता।

⚡ मिथ 16: स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल केवल ऑनलाइन ही भरना होगा

आप बिल पुराने तरीकों (काउंटर, नकद, चेक) और ऑनलाइन दोनों माध्यम से भर सकते हैं। स्मार्ट मीटर केवल खपत डेटा भेजता है।

⚡ मिथ 17: स्मार्ट मीटर लगवाने में बहुत खर्च आता है

स्मार्ट मीटर का खर्च सरकार या बिजली कंपनी उठाती है। उपभोक्ता को इसे लगवाने के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़ता।

⚡ मिथ 18: स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रोकना मुश्किल है

स्मार्ट मीटर चोरी और टैम्परिंग की जानकारी तुरंत भेज देते हैं। इससे चोरी पर नियंत्रण आसान हो जाता है।

⚡ मिथ 19: स्मार्ट मीटर से प्राइवेसी खतरे में है

स्मार्ट मीटर केवल खपत डेटा भेजते हैं। इसमें आपकी निजी जानकारी (नाम, बैंक डिटेल, कॉल रिकॉर्ड) नहीं होती।

⚡ मिथ 20: स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को कोई फायदा नहीं होता

स्मार्ट मीटर से आपको सही बिल, बिजली उपयोग पर नियंत्रण, चोरी में कमी, और पारदर्शी व्यवस्था मिलती है। लंबे समय में इससे उपभोक्ता का ही लाभ होता है।

❓ FAQ – स्मार्ट मीटर से जुड़े आम सवाल

Q. क्या स्मार्ट मीटर से मेरा बिल ज्यादा हो जाएगा?

👉 नहीं, बिल केवल आपकी असली खपत के आधार पर बनेगा।

Q. क्या स्मार्ट मीटर से रेडिएशन का खतरा है?

👉 इसका रेडिएशन मोबाइल और वाई-फाई से कम होता है और सुरक्षित माना गया है।

Q. अगर मीटर खराब हो जाए तो क्या होगा?

👉 बिजली विभाग इसे मुफ्त में बदल देता है।

Q. क्या स्मार्ट मीटर से चोरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी?

👉 चोरी तुरंत पकड़ में आती है, जिससे काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

Q. क्या स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल केवल ऑनलाइन भरना होगा?

👉 नहीं, आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से भर सकते हैं।

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